#MirabaiChanu का #Olympics2020 में सिल्वर मेडल 🇮🇳 डिड नॉट फ़िनिश’- ओलपिंक जैसे मुकाबले में अगर आप दूसरे खिलाड़ियों से पिछड़ जाएँ तो एक बात है, लेकिन अगर आप अपना खेल पूरा ही नहीं कर पाएँ तो ये किसी भी खिलाड़ी के मनोबल को तोड़ने वाली घटना हो सकती है। 2016 में भारत की वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू के लिए ऐसा ही हुआ था. ओलंपिक में अपने वर्ग में मीरा सिर्फ़ दूसरी खिलाड़ी थीं जिनके नाम के आगे ओलंपिक में लिखा गया था ‘डिड नॉट फ़िनिश’।जो भार मीरा रोज़ाना प्रैक्टिस में आसानी से उठा लिया करतीं, उस दिन ओलंपिक में जैसे उनके हाथ बर्फ़ की तरह जम गए थे. उस समय भारत में रात थीं, तो बहुत कम भारतीयों ने वो नज़ारा देखा। सुबह उठ जब भारत के खेल प्रेमियों ने ख़बरें पढ़ीं तो मीराबाई रातों रात भारतीय प्रशंसकों की नज़र में विलेन बन गईं। नौबत यहाँ तक आई कि 2016 के बाद वो डिप्रेशन में चली गईं और उन्हें हर हफ्ते मनोवैज्ञानिक के सेशन लेने पड़े। इस असफलता के बाद एक बार तो मीरा ने खेल को अलविदा कहने का मन बना लिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पिछले साल ज़बरदस्त वापसी की।आज भारत के लिए #Olympics2020 में पहला मैडल जीता है और देश का नाम ऊंचा किया है। आपमें से बहुत से लोग अपने सपनों को पूरा करने में जी जान से लगे हुए होंगे और इसके लिए आपके सामने बहुत सी समस्याएं भी आ रही होंगी। लेकिन सिर्फ़ एक बात मन में रखिए कि कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं,हारा वही जो लड़ा नहीं।हार हो जाती है जब मान लिया जाता है जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है।।